सबसे तेज खबर/ शिमला
शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (IGMC) में मरीज से मारपीट के आरोप में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राघव नरूला की बर्खास्तगी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) ने इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए डॉक्टर राघव को तुरंत बहाल करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो 27 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
गुरुवार को आईजीएमसी परिसर में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन और कंसल्टेंट स्पेशलिस्ट एसोसिएशन (CSA) ने संयुक्त रूप से गेट मीटिंग आयोजित की। इस बैठक को स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर (SAMDCOT) का भी समर्थन प्राप्त रहा। डॉक्टर संगठनों ने आरोप लगाया कि हालिया घटनाओं के बाद अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।
आरडीए ने अपनी प्रमुख मांगों में डॉक्टर राघव नरूला को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश को तुरंत रद्द करने की बात कही। एसोसिएशन का दावा है कि डॉक्टर राघव को जान से मारने और देश छोड़ने की धमकियां दी गईं। आरडीए के अनुसार नरेश दस्ता नामक व्यक्ति द्वारा कथित रूप से धमकी दी गई, जिस पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 351, 351(3), 352, 61, 62, 190 और 191 के तहत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
डॉक्टर संगठनों ने आईजीएमसी परिसर में भीड़ द्वारा डराने-धमकाने, उत्पीड़न और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप भी लगाए हैं। उनका कहना है कि इन घटनाओं से अस्पताल का सामान्य कामकाज बाधित हुआ और डॉक्टरों की सुरक्षा खतरे में पड़ी। इस मामले में भी सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी डॉक्टरों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कवरेज और अन्य सुरक्षा उपायों में पहले से खामियों की जानकारी दी गई थी, लेकिन प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए। डॉक्टरों ने सुरक्षा चूक की व्यापक जांच और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की है। आरडीए ने घोषणा की है कि मुख्यमंत्री के साथ प्रस्तावित बैठक से पहले 26 दिसंबर को सभी रेजिडेंट डॉक्टर सामूहिक कैजुअल लीव पर रहेंगे। यदि सरकार ने उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो 27 दिसंबर सुबह 9:30 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी। हड़ताल के दौरान ओपीडी और नियोजित ऑपरेशन थिएटर बंद रहेंगे, हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।
गौरतलब है कि 22 दिसंबर को आईजीएमसी में मरीज अर्जुन के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल पहुंचे और प्रदर्शन किया। सरकार ने मामले की जांच के बाद आरोपी डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया, जबकि मरीज को भी दोषी ठहराया गया है। अब इस फैसले के विरोध में डॉक्टर संगठनों का आंदोलन तेज होता नजर आ रहा है।
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