छत्रधारी चालदा महाराज जी का हिमाचल प्रवास तय: 14 दिसंबर को पहली बार पश्मी मंदिर में विराजमान होंगे चालदा महाराज…
सबसे तेज खबर / शिलाई
सिरमौर ज़िले के शिलाई क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण अवसर आने वाला है। न्याय के देवता महासू महाराज पहली बार हिमाचल प्रदेश के ज़िला सिरमौर की शिलाई तहसील के गाँव पश्मी में विराजमान होंगे। 14 दिसंबर 2025 को महाराज पश्मी मंदिर में प्रतिष्ठित होकर पूरे एक वर्ष तक यहाँ रहेंगे। यह अवसर पूरे क्षेत्र के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चालदा महासू महाराज के वज़ीर दीवान सिंह राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि महाराज का प्रवास कार्यक्रम 8 दिसंबर से शुरू होगा। इस दिन महाराज दसऊ मंदिर से बाहर आएंगे और यहीं कुंवर सिंह छत्राण की एक रात की बागड़ी (जागरण) आयोजित होगी। इसके बाद लगातार अलग-अलग गाँवों में महाराज की बागड़ियाँ होंगी।
महाराज का प्रवास कार्यक्रम
• 8 दिसंबर 2025 – दसऊ मंदिर से बाहर आगमन एवं दसऊ गाँव में कुंवर सिंह छत्राण की एक रात की बागड़ी (जागरण)
• 9 दिसंबर 2025 – दसऊ गाँव के बाहर पूरी खत की ओर से एक रात की बागड़ी (जागरण)
• 10 दिसंबर 2025 – गाँव भुपऊ में सिताराम चौहान जगयाण की एक रात की बागड़ी (जागरण)
• 11 दिसंबर 2025 – मयार खेड़ा में दसऊ गाँव की एक रात की बागड़ी (जागरण)
• 12 दिसंबर 2025 – गाँव सावड़ा में एक रात की बागड़ी (जागरण)
• 13 दिसंबर 2025 – द्राविल गाँव में एक रात की बागड़ी (जागरण)
• 14 दिसंबर 2025 – पश्मी मंदिर में अगले एक वर्ष के लिए विराजमान होंगे।
इस अवसर पर चार महासू वज़ीर दीवान सिंह राणा, खत स्याणा के शूरवीर सिंह, चार महासू महाराज जी के ठाणी, पुजारी, माथे एवं पश्मी गाँव के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। गौरतलब है कि महासू महाराज को हिमाचल और उत्तराखंड में न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। उनके दरबार में आज भी लोग अपने दुःख–सुख और विवाद लेकर पहुँचते हैं। माना जाता है कि महाराज हमेशा न्यायप्रिय निर्णय देते हैं। यही कारण है कि उनके दरबार में आस्था रखने वालों की संख्या लगातार बढ़ती रही है। यह पहली बार है जब महासू महाराज हिमाचल में शिलाई क्षेत्र के गाँव पश्मी में विराजमान होंगे। स्थानीय लोग इसे क्षेत्र की सबसे बड़ी धार्मिक उपलब्धि और गौरवपूर्ण पल मान रहे हैं।
इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह सक्रिय हो गया है। एसडीएम शिलाई जसपाल सिंह ने जानकारी दी कि यह शिलाई क्षेत्र का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होगा, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर यातायात, सुरक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं पर विस्तृत चर्चा की है। पश्मी गांव के लोगों ने बताया कि वे इस आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं और सभी गाँवों में तैयारियाँ जोरों पर हैं। बागड़ियों (जागरणों) के दौरान धार्मिक भजन–कीर्तन, देव महिमा का गुणगान और लोक परंपराओं का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इस तरह 14 दिसंबर 2025 का दिन शिलाई क्षेत्र के इतिहास में दर्ज होगा, जब न्याय के देवता महासू महाराज पहली बार पश्मी मंदिर में विराजमान होकर हजारों श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
Discover more from सबसे तेज़ खबर
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
