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छात्र संघ चुनाव बहाली, फर्जी भर्ती जांच और हॉस्टल निर्माण की उठी मांग: एसएफआई ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन..
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई की स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने मंगलवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर विश्वविद्यालय से जुड़ी अहम छात्र समस्याओं पर कार्रवाई की मांग की। एसएफआई के सह सचिव कामरेड आशीष ने कहा कि वर्ष 2013 से प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बंद हैं, जिससे छात्र राजनीति कमजोर हो रही है और छात्र अपनी आवाज प्रभावी ढंग से प्रशासन तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाल करना समय की आवश्यकता है ताकि छात्र अपनी मांगों को जनवादी तरीके से उठा सकें। एसएफआई ने विश्वविद्यालय में छात्रावास की कमी का मुद्दा भी उठाया।
संगठन के अनुसार लगभग 4000 छात्र-छात्राओं के लिए केवल 1200 सीटें ही हॉस्टल में उपलब्ध हैं। उन्होंने नए छात्रावासों के शीघ्र निर्माण की मांग की। एसएफआई उपाध्यक्ष कामरेड अमन ने आरटीआई से प्राप्त जानकारी के आधार पर आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में 70% शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने इस फर्जी भर्ती की न्यायिक जांच और राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा एसएफआई ने नई शिक्षा नीति 2020 को जनविरोधी बताते हुए कहा कि इससे शिक्षा का भगवाकरण और निजीकरण बढ़ रहा है।
उन्होंने प्रगतिशील लेखकों की पुस्तकों को पाठ्यक्रम से हटाए जाने और शिक्षा को बाजारू बनाने का आरोप लगाया। गैर शिक्षक कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर भी एसएफआई ने प्रशासन पर सवाल उठाए। कामरेड आशीष ने कहा कि 2019 और 2021 में निकले विज्ञापनों के बावजूद भर्तियां नहीं की गईं और छात्रों से करीब 4.50 करोड़ रुपये वसूले गए। संगठन ने इन नियुक्तियों को जल्द पूरा करने की मांग की। एसएफआई ने राज्यपाल से आग्रह किया कि इन सभी मुद्दों पर तुरंत संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि छात्रों की समस्याओं का समाधान हो सके।
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